श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का औपचारिक खाता एसबीआई की अयोध्या शाखा में गुरुवार को खोल दिया गया। भारत सरकार द्वारा दिए गए एक रुपए से यह खाता खोला गया। इसके लिए ट्रस्ट का पैन नंबर व खाता संचालकों की केवाईसी के लिए बीते 25 फरवरी को ही आवेदन कर दिया गया था। कागजी औपचारिकता पूरी होने के बाद गुरुवार को खाता खोल दिया गया। ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया- अभी खाते में सिर्फ रामलला के चढ़ावे को ही जमा किया जाएगा। इसमें दानदाताओं की ओर से दान की जाने वाली धनराशि फिलहाल नहीं जमा होगी।
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की ओर से भारत सरकार के आयकर विभाग से मिलने वाली छूट के सम्बन्ध में आवेदन किया गया है। आयकर छूट का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेने के बाद ही दानदाताओं की राशियों को जमा कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र की उपलब्धता से पहले दान की राशि के जमा होने पर आयकर की राशि कटकर सरकार के खाते में चली जाएगी और दानदाताओं को नुकसान होगा।
चढ़ावे के आठ लाख चार हजार 982 रुपए जमा हुए
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में पहली बार 20 फरवरी से 5 मार्च तक की रामलला को चढ़ाई गई धनराशि जमा की गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाता संचालन के लिए अधिकृत सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक अयोध्या की भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में खोले गए ट्रस्ट के खाते में गुरुवार व शुक्रवार दो दिनों की काउंटिंग के बाद आठ लाख चार हजार 982 रुपए जमा किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसी के साथ ट्रस्ट के खाते का संचालन शुरू हो गया है। 20फरवरी से पहले की राशि रिसीवर के जरिए जमा कराई जाएगी। यह राशि आयकर में छूट की कार्रवाई पूरी होने के बाद जमा होगी। यह राशि करीब सवा 11करोड़ रुपए है, जिसमें 8 करोड़ रुपए की एफडी भी शामिल है।
आयकर में शत-प्रतिशत छूट के लिए ट्रस्ट ने किया आवेदन
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को मिलने वाली दान की राशि पर आयकर में शत-प्रतिशत छूट के लिए 12 ए के स्थान पर 10(23सी)5 के अन्तर्गत प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। इससे ट्रस्ट को आयकर में शत-प्रतिशत छूट मिलेगी। इसी तरह से दानदाताओं को भी आयकर में शत-प्रतिशत की छूट दिलाने के लिए 80 जी के स्थान पर 35 एसी के अन्तर्गत प्रमण पत्र प्राप्त करने का आवेदन दाखिल किया गया है। यह आवेदन ट्रस्ट के नई दिल्ली के चार्टेड एकाउन्टेंट व टैक्स अधिवक्ता कार्तिक श्री निवासन की ओर से दाखिल किया गया है।